मिर्ची गैंग के बदमाशों आशु और उमेश ने मिलकर गौरव चंदेल को दबोच लिया था। दोनों बदमाशों ने गौरव पर लघुशंका के दौरान पिस्टल से हमला किया था। लहूलुहान होने के बाद भी गौरव ने हिम्मत दिखाते हुए उमेश को दबोच लिया था। आशु के बार-बार वार करने के बाद भी गौरव ने उमेश को नहीं छोड़। इस पर आशु ने गौरव को गोली मारी थी। गोली मारने के बाद दोनों बदमाश गौरव की कार लेकर फरार हो गए।
पुलिस के मुताबिक 6 जनवरी की देर शाम को गौरव चंदेल गुरुग्राम से अपनी कार (सेल्टॉस) से गौड़ सिटी स्थित घर जा रहे थे। हिंडन पुल से कुछ दर पहले ही गौरव लघुशंका के लिए रुके थे। उसी समय सर्विस रोड से जा रहे आशु जाट और उमेश ऑटो से जा रहे थे। गौरव को अकेला देख दोनों ने तुरंत ऑटो रुकवाकर गौरव पर हमला कर दिया था।
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि आशु ने पिस्टल की बट से गौरव चंदेल के सिर पर चोट मारी थी। उमेश ने आगे से गौरव को काबू कर लिया था। इसी बीच गौरव ने उमेश को अपने कब्जे में ले लिया था। आशु ने कई बार गौरव के सिर पर बट से मिला किया था लेकिन वह उमेश को छुड़ा नहीं पाया था। अपने साथी को छुड़ाने में नाकाम होने पर बदमाश ने गौरव को पीछे से गोली मारी थी। गौरव को घटनास्थल पर ही छोड़कर दोनों बदमाश गौरव की गाड़ी लेकर फरार हो गए थे।
पुलिस से बचने के लिए छोटे रास्तों को चुना था आशु ने
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक 6 जनवरी को गौरव की हत्या करने के बाद आशु और उमेश ने मुख्य सड़क मार्ग और ऐसे सभी रास्तों से बचा जहां सीसीटीवी कैमरे आए। बदमाशों ने हत्या के बाद गाड़ी गौर सिटी से सर्विस रोड होते हुए निर्माणाधीन सोसायटियों के बीच के रास्ते से होते हुए ग्रेनो वेस्ट और फिर डासना पुल के पास प्लाट में गाड़ी को खड़ा कर दिया था। बदमाशों ने कार को नंबर प्लेट बदलकर इसका प्रयोग किया था और जब पुलिस का ज्यादा दबाव देखा तो डासना के पास पुल के नीचे प्लॉट में कार को खड़ी कर दिया था।
एटीएम से पैसा निकलवाने के लिए किया था गौरव पर हमला
पुलिस अफसरों को पूछताछ में उमेश ने बताया था कि वह और आशु गौरव की कार को लूटना नहीं चाहते थे। बल्कि वह तो गौरव को अपने कब्जे में करके उससे एटीएम जाकर पैसा निकलवाना चाहते थे। लेकिन गौरव ने उसको पकड़कर छोड़ा ही नहीं तो आशु ने उसे गोली मारी थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लंबे समय से आशु इस तरह की वारदात करता रहा है। हापुड़ से उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा चुका है।