Delhi election 2020: 1993 विधानसभा चुनाव में चुने गए ये 11 विधायक इस बार भी ठोक रहे ताल

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 का मुकाबला रोचक होने जा रहा है। पिछली बार तीन सीटों पर सिमट चुकी भाजपा ने इस बार जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है तो वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रही है। इन सबके बीच दिल्ली विधानसभा में किस्मत आजमा रहे इन 11 विधायकों की चर्चा करना जरूरी है, जो 1993 विधानसभा में चुने गए थे। विधानसभा बनने के बाद दिल्ली में पहला चुनाव 1993 में हुआ था। इस चुनाव में विधायक बनने वाले 11 नेता एक बार फिर 27 साल बाद चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। इनमें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल हैं।


दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार नए चेहरों के साथ-साथ करीब तीन दशक पुराने चेहरे भी किस्मत आजमाने के लिए सियासी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। दिल्ली की कुल 70 सीटों पर लड़ रहे उम्मीदवारों में से 11 उम्मीदार ऐसे हैं, जिन्होंने दिल्ली में 1993 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराई थी। इस बार ये दिग्गज नेता कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी से उम्मीदवार बने हैं। दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी। 11 विधायकों में दो आम आदमी पार्टी से, तीन भाजपा से और छह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस पिछली बार अपना खाता नहीं खोल पाई थी। उसे उम्मीद है कि इस बार ये छह दिग्गज नेताओं की मदद से उसका खाता खुल सकता है।


आप ने दो विधायकों को दिया टिकट


1993 में रामनिवास गोयल भाजपा से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। इस बार रामनिवास गोयल आम आदमी पार्टी से शाहदरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।वहीं शोएब इकबाल दिल्ली के 1993 विधानसभा चुनाव में मटियामहल सीट से जनता दल से विधायक चुने गए थे। इस बार उन्होंने चुनाव से पहले केजरीवाल का दामन लिया था। इस बार वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।


दिल्ली के पहले चुनाव में जीते तीन नेताओं पर भाजपा ने जताया भरोसा


दिल्ली में 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 49 सीटें मिली थी और पांच साल तक राज किया था। इसके बाद से भाजपा दोबारा से सत्ता में वापसी नहीं कर सकी। भाजपा के टिकट पर 1993 में चुनाव जीतने वाले विधायकों में से महज चार नेता इस बार मैदान में हैं, इनमें तीन नेता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो एक केजरीवाल की पार्टी से मैदान में हैं। बाबरपुर सीट से नरेश गौड़, छतरपुर से ब्रह्म सिंह तंवर और बिजवासन से सतप्रकाश राणा पर भाजपा ने 27 साल बाद फिर भरोसा जताया है।


कांग्रेस ने छह विधायकों को मैदान में उतारा


पिछले विधानसभा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस ने इस बार छह उन विधायकों को टिकट दिया है जिन्होंने 1993 में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने कृष्णा नगर से डॉ. एके वालिया, पटेल नगर से कृष्णा तीरथ, सुल्तानपुर माजरा से जय किशन, ओखला से परवेज हाशमी, सीलमपुर से चौधरी मतीन अहमद और विकासपुरी से मुकेश शर्मा को मैदान में उतारा है। हालांकि इस बार इन दिग्गजों की राह आसान नहीं है, इन्हें जीतने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।